DII domestic institutional investors (घरेलू संस्थागत निवेशक) फाइनेंसियल इंस्टीटूशन्स होती हैं जो उस देश की संपत्तियों में Invest करती हैं जहाँ वे स्थापित होती हैं। DII भारतीय शेयर बाज़ार में इन्वेस्ट करके प्रॉफिट कमाना चाहते है
भारत में इनमें बैंक, बीमा कंपनियाँ और म्यूचुअल फंड जैसी विभिन्न इंस्टीटूशन्स शामिल हैं। जो DII देश के अंदर से बड़ी मात्रा में फण्ड को कलेक्ट करके Invest करते है यह शेयरों, बांडों और अन्य प्रतिभूतियों आदि में Invest करते है इसका उद्देश्य लंबे समय के लिए Invest कर Profit कमाना होता है और ये Market के कैपिटल फ्लो और स्टेबिलिटी पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। ये Financial Market में महत्त्वपूर्ण खिलाड़ी होते हैं DII बाज़ार में स्टेबिलिटी लाने का काम करते हैं क्योंकि वे Long Term की दृष्टि से Invest करते हैं।
DII को SEBI के RULES & RAGULATION के अकॉर्डिंग Invest करना होता है, जो की Investors के हितों की सुरक्षा और उनके बिच Transparency रखता है
घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) द्वारा भारतीय शेयर बाज़ार में Invest की गई Amount 2022 से अब तक रु। 2 ट्रिलियन के बेंचमार्क से अधिक है।
प्रत्येक प्रकार के DII अलग-अलग उद्देश्यों के लिए काम करता है
For Example : म्यूचुअल फंड्स विभिन्न इन्वेस्टर्स से फण्ड कलेक्ट करके शेयरों, बांड्स, या अन्य संपत्तियों में निवेश करते हैं, जबकि बीमा कंपनियाँ पॉलिसी होल्डर से प्रीमियम कलेक्ट करके मैनेज करती हैं ताकि प्रॉफिट कमाया जा सके और क्लेम की राशि Ensure कर सके
भारतीय शेयर बाजार में DII इनमे Invest करते है
Disclaimer :- इस लेख में दी गई जानकारी केवल सूचना के लिए हैं। इसमें किसी भी सामग्री को निवेश की सलाह न मानी जाए। किसी भी निवेश से पहले आप निवेश सलाहकारों से राय लें। निवेश से संबंधित किसी भी मामले में NSE BAZAAR जिम्मेदार नहीं है.