कंपनी के शेयर का भाव कम या ज्यादा होने के पीछे का लॉजिक डिमांड और सप्लाई होता है जब भी किसी कंपनी के शेयर की डिमांड बढ़ती है और सप्लाई कम होती है तो ऐसे में शेयर की वैल्यू बढ़ जाती है और जब सप्लाई जाता हो और डिमांड कम ऐसे शेयर प्राइस घट जाते है
सभी कंपनियों के शेयर का प्राइस अलग-अलग होता है और छोटी से लेकर बड़ी कंपनी डेली कारोबार करती है जिसमे उनको कभी फायदा तो कभी नुकसान होता है कंपनी हर 3 महीने में अपना रिजल्ट डिक्लेअर करती है
जब भी कंपनी का बिज़नेस बढ़ता है और प्रॉफिट होता है तो बहुत सारे इन्वेस्टर्स उस कंपनी के शेयर खरीदने लगते है और शेयर का भाव बढ़ जाता है और जब कंपनी की नुकसान होता है तब लोग शेयर से एग्जिट हो जाते है जिससे प्राइस कम होता जाता है और इसीलिए समय के साथ-साथ कंपनी के शेयरों में उतार चढ़ाव आता रहता है