Jio Financial Services: अब भारत की Large-Cap Companies की लिस्ट में
भारतीय शेयर बाज़ार में रिलायंस ग्रुप की नई कंपनी Jio Financial Services (JFS) ने एंट्री के साथ ही सबका ध्यान खींचा। लॉन्च के कुछ ही महीनों में यह कंपनी इतनी तेज़ी से बढ़ी है कि अब इसे large-cap category में शामिल कर लिया गया है।
Jio Financial Services का सफर
Jio Financial का जन्म रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के डी-मर्जर से हुआ। कंपनी का फोकस NBFC (Non-Banking Financial Company) और फिनटेक सेक्टर में है।
- यह कंपनी डिजिटल फाइनेंस, लोन, इंश्योरेंस और पेमेंट सॉल्यूशंस जैसे सेक्टर्स में अपनी पकड़ बना रही है।
- रिलायंस के मज़बूत ब्रांड और कस्टमर बेस की वजह से निवेशकों का भरोसा शुरू से ही Jio Financial पर रहा है।
Large-Cap में शामिल होने की वजह
- मार्केट कैपिटलाइजेशन: Jio Financial का मार्केट कैप अब लगभग ₹1.9 – ₹2 लाख करोड़ के आसपास पहुँच चुका है।
- AMFI की नई गाइडलाइन: AMFI ने large-cap कंपनियों की कटऑफ सीमा को ~₹67,000 करोड़ तक बढ़ा दिया है। Jio Financial इस लिमिट से काफी ऊपर है।
- इंडेक्स में एंट्री: BSE LargeCap Index और Mutual Fund classification दोनों में ही Jio Financial को जगह मिल चुकी है।
निवेशकों के लिए इसका मतलब
- ज्यादा भरोसा: Large-cap कंपनियाँ आम तौर पर स्थिर और भरोसेमंद मानी जाती हैं।
- Mutual Funds की खरीदारी: अब कई large-cap mutual funds को अपने पोर्टफोलियो में Jio Financial को शामिल करना होगा। इससे डिमांड और बढ़ सकती है।
- लिक्विडिटी में सुधार: बड़े निवेशकों और संस्थानों की दिलचस्पी बढ़ने से ट्रेडिंग वॉल्यूम और liquidity मजबूत होगी।
Jio Financial का भविष्य
JFS अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन इसका विज़न बहुत बड़ा है।
- डिजिटल फाइनेंस और पेमेंट सेक्टर में Reliance का अनुभव इसे एडवांटेज देगा।
- NBFC सेक्टर में कंपनी तेजी से अपनी जगह बना रही है।
- अगर ग्रोथ इसी तरह जारी रही, तो आने वाले समय में JFS भारत की टॉप फाइनेंशियल कंपनियों में गिनी जा सकती है।
निष्कर्ष
Jio Financial Services का large-cap में शामिल होना सिर्फ एक क्लासीफिकेशन चेंज नहीं है, बल्कि यह निवेशकों के भरोसे और कंपनी की तेज़ी से बढ़ती ताकत का सबूत है।
जो भी निवेशक लंबे समय तक भारतीय फाइनेंशियल सेक्टर में दांव लगाना चाहते हैं, उनके लिए Jio Financial पर नज़र रखना ज़रूरी है।